मेरा शहर
विज्ञापन
Hindi News › Photo Gallery › Lifestyle › Health & Fitness › 56.4 Percent Of Disease Burden In India Is Due To Unhealthy Diets Know ICMR Latest Dietary Guidelines
हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्लीPublished by: अभिलाष श्रीवास्तव Updated Thu, 09 May 2024 04:00 PM IST

देश में बढ़ती क्रोनिक बीमारियां - फोटो : istock
पिछले एक-दो दशकों में देश में सबसे ज्यादा रिपोर्ट की जाने वाली बीमारियों पर नजर डालें तो पता चलता है कि कई प्रकार के क्रोनिक रोगों जैसे उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, डायबिटीज और कैंसर का खतरा काफी तेजी से बढ़ा है। देश में बढ़ती इन बीमारियों के बोझ को लेकर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। आईसीएमआर ने चिंता जताते हुए कहा कि देश में 56 फीसदी बीमारियों के लिए आहार में गड़बड़ी प्रमुख कारण हो सकती है। विशेषज्ञों ने कहा खराब आहार के कारण अल्पकालिक और दीर्घकालिक दोनों प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम हो सकता है।
अस्वास्थ्यकर आहार और इसके कारण बढ़ती स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को कम करने के लिए आईसीएमआर विशेषज्ञों ने आहार संबंधी 17 दिशानिर्देश भी जारी किए हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा, तेजी से बढ़ते मोटापे और मधुमेह जैसी नॉन-कम्युनिकेबल डिजीज (एनसीडी) से बचाव के लिए आहार में सुधार की मदद से लाभ पाया जा सकता है। एनसीडी उन बीमारियों को कहा जाता है जिनके एक से दूसरे में संचार का खतरा नहीं होता है।
अस्वास्थ्यकर आहार और इसके कारण बढ़ती स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को कम करने के लिए आईसीएमआर विशेषज्ञों ने आहार संबंधी 17 दिशानिर्देश भी जारी किए हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा, तेजी से बढ़ते मोटापे और मधुमेह जैसी नॉन-कम्युनिकेबल डिजीज (एनसीडी) से बचाव के लिए आहार में सुधार की मदद से लाभ पाया जा सकता है। एनसीडी उन बीमारियों को कहा जाता है जिनके एक से दूसरे में संचार का खतरा नहीं होता है।
विज्ञापन

आहार में गड़बड़ी के हो सकते हैं कई नुकसान - फोटो : istock
स्वस्थ आहार और जीवनशैली को ठीक रखना जरूरी
राष्ट्रीय पोषण संस्थान (एनआईएन) ने कहा कि स्वस्थ आहार और शारीरिक गतिविधि जैसे उपाय कोरोनरी हार्ट डिजीज (सीएचडी) और उच्च रक्तचाप के खतरे को कम करने में मददगार हैं। इससे टाइप-2 डायबिटीज के जोखिमों से 80 प्रतिशत तक भी सुरक्षा मिल सकती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा स्वस्थ जीवनशैली का पालन करके समय से पहले होने वाली मौत के जोखिमों से बचा जा सकता है। शर्करा और वसा के साथ अल्ट्रा प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों के खतरे को बढ़ाने वाले हो सकते हैं, इनका सेवन कम किया जाना चाहिए।
राष्ट्रीय पोषण संस्थान (एनआईएन) ने कहा कि स्वस्थ आहार और शारीरिक गतिविधि जैसे उपाय कोरोनरी हार्ट डिजीज (सीएचडी) और उच्च रक्तचाप के खतरे को कम करने में मददगार हैं। इससे टाइप-2 डायबिटीज के जोखिमों से 80 प्रतिशत तक भी सुरक्षा मिल सकती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा स्वस्थ जीवनशैली का पालन करके समय से पहले होने वाली मौत के जोखिमों से बचा जा सकता है। शर्करा और वसा के साथ अल्ट्रा प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों के खतरे को बढ़ाने वाले हो सकते हैं, इनका सेवन कम किया जाना चाहिए।
Trending Videos

स्वस्थ और पौष्टिक चीजों का करें सेवन - फोटो : istock
आहार संबंधी दिशा-निर्देश
एनआईएन ने बेहतर स्वास्थ्य के लिए जारी दिशा-निर्देशों में नमक का सेवन सीमित करने, तेल और वसा के अधिक सेवन से बचने, नियमित रूप से व्यायाम करने, चीनी और अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों को कम करने की सिफारिश की है। मोटापे को रोकने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से मदद मिल सकती है।
चूंकि मोटापे को क्रोनिक बीमारियों का प्रमुख कारण माना जाता है ऐसे में अगर वजन को कम करने के लिए प्रयास कर लिए जाएं तो सेहत में कई प्रकार के सुधार किए जा सकते हैं।
एनआईएन ने बेहतर स्वास्थ्य के लिए जारी दिशा-निर्देशों में नमक का सेवन सीमित करने, तेल और वसा के अधिक सेवन से बचने, नियमित रूप से व्यायाम करने, चीनी और अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों को कम करने की सिफारिश की है। मोटापे को रोकने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से मदद मिल सकती है।
चूंकि मोटापे को क्रोनिक बीमारियों का प्रमुख कारण माना जाता है ऐसे में अगर वजन को कम करने के लिए प्रयास कर लिए जाएं तो सेहत में कई प्रकार के सुधार किए जा सकते हैं।

आहार की पौष्टिकता का रखें ध्यान - फोटो : istock
क्या कहते हैं आईसीएमआर के महानिदेशक
आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने कहा, पिछले कुछ दशकों में भारतीयों की आहार संबंधी आदतों में महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं, जिसका परिणाम ये है कि देश में एनसीडी रोगों के मामलों में भी काफी बढ़ोतरी आ गई है।
डॉ बहल ने कहा, भारत में बदलते खाद्य परिदृश्य को देखते हुए आहार में सुधार के लिए प्रयास किए जाने काफी महत्वपूर्ण हैं। संतुलित आहार के रूप में साबुत अनाज की मात्रा बढ़ाएं। आहार में 45 प्रतिशत से अधिक कैलोरी की मात्रा नहीं होनी चाहिए। दिशानिर्देशों के मुताबिक नट्स, सब्जियों-फलों और दूध को आहार का हिस्सा बनाना अच्छी सेहत के लिए जरूरी है।
आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने कहा, पिछले कुछ दशकों में भारतीयों की आहार संबंधी आदतों में महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं, जिसका परिणाम ये है कि देश में एनसीडी रोगों के मामलों में भी काफी बढ़ोतरी आ गई है।
डॉ बहल ने कहा, भारत में बदलते खाद्य परिदृश्य को देखते हुए आहार में सुधार के लिए प्रयास किए जाने काफी महत्वपूर्ण हैं। संतुलित आहार के रूप में साबुत अनाज की मात्रा बढ़ाएं। आहार में 45 प्रतिशत से अधिक कैलोरी की मात्रा नहीं होनी चाहिए। दिशानिर्देशों के मुताबिक नट्स, सब्जियों-फलों और दूध को आहार का हिस्सा बनाना अच्छी सेहत के लिए जरूरी है।
विज्ञापन

आहार का रखें ध्यान - फोटो : istock
प्रोटीन सप्लीमेंट्स हो सकते हैं नुकसानदायक
आईसीएमआर ने देश में बढ़ते प्रोटीन सप्लीमेंट्स के सेवन को लेकर चिंता जताते हुए इससे परहेज करने की सलाह दी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा मांसपेशियों के निर्माण के लिए बढ़ रहे प्रोटीन पाउडर के सेवन के दीर्घकालिक तौर पर नुकसान हो सकते हैं। इसके अलावा बाजार से किसी भी पैक्ड खाद्य पदार्थ को खरीदने से पहले उसमें सोडियम, शर्करा की मात्रा की जांच कर लें। प्रोसेस्ड और अल्ट्रा प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों के कई गंभीर साइड इफेक्टस हो सकते हैं, इनसे बचाव करते रहना जरूरी है।
--------------
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
आईसीएमआर ने देश में बढ़ते प्रोटीन सप्लीमेंट्स के सेवन को लेकर चिंता जताते हुए इससे परहेज करने की सलाह दी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा मांसपेशियों के निर्माण के लिए बढ़ रहे प्रोटीन पाउडर के सेवन के दीर्घकालिक तौर पर नुकसान हो सकते हैं। इसके अलावा बाजार से किसी भी पैक्ड खाद्य पदार्थ को खरीदने से पहले उसमें सोडियम, शर्करा की मात्रा की जांच कर लें। प्रोसेस्ड और अल्ट्रा प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों के कई गंभीर साइड इफेक्टस हो सकते हैं, इनसे बचाव करते रहना जरूरी है।
--------------
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
विज्ञापन
ये भी पढ़ें...
09 May 2024
09 May 2024
08 May 2024
09 May 2024
09 May 2024
विज्ञापन
अमर उजाला की खबरों को फेसबुक पर पाने के लिए लाइक करें
सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट अमर उजाला पर पढ़ें लाइफ़ स्टाइल से संबंधित समाचार (Lifestyle News in Hindi), लाइफ़स्टाइल जगत (Lifestyle section) की अन्य खबरें जैसे हेल्थ एंड फिटनेस न्यूज़ (Health and fitness news), लाइव फैशन न्यूज़, (live fashion news) लेटेस्ट फूड न्यूज़ इन हिंदी, (latest food news) रिलेशनशिप न्यूज़ (relationship news in Hindi) और यात्रा (travel news in Hindi) आदि से संबंधित ब्रेकिंग न्यूज़ (Hindi News)।
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप क