बुखार आना बहुत सामान्य बात है. लेकिन कभी-कभी यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकता है. इसलिए बुखार आने पर सावधानी बरतना जरूरी है.;बुखार आने पर सबसे पहले तो अपने शरीर आराम दें.फिर बुखार को उतारने की कोशिश करें - पानी ज्यादा पिएं, हल्के कपड़े पहनें और शरीर को ठंडा रखने का प्रयास करें और बुखार कम करने के लिए मेडिशिन लें. लेकिन कई बार बुखार दवा खाने के बाद भी नहीं उतरता है. अगर बुखार एक-दो दिन में कम नहीं होता है या 103 डिग्री फैरेनहाइट से ऊपर चला जाता है तो इस स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. आपकी स्थिति को देखकर डॉक्टर जरूरी टेस्ट करवाने की सलाह देंगे.कई बार बुखार हल्का होता है और खुद-ब-खुद ठीक हो जाता है. लेकिन कभी-कभी बुखार किसी गंभीर समस्या का संकेत भी हो सकता है, जैसे - मलेरिया, टाइफाइड, डेंगू आदि.सामान्यतः बुखार आने पर ब्लड टेस्ट और मलेरिया का टेस्ट करवा लेना चाहिए. यह बता सकता है कि बुखार की वजह क्या है और आगे का इलाज कैसे करना है.कुछ टेस्ट यहां बताएं जा रहें हैं जिसे आप करवा सकते हैं ब्लड टेस्ट - यह खून में संक्रमण या किसी गंभीर स्थिति की जांच करता है.यह सबसे जरूरी टेस्ट है. इससे पता चलता है कि खून में कोई संक्रमण तो नहीं है. मलेरिया का टेस्ट - यह मलेरिया परजीवी की उपस्थिति देखता है. मलेरिया का टेस्ट खून की एक बूंद से किया जाता है. रिपोर्ट में मलेरिया परजीवी पाए जाने पर तुरंत उचित इलाज शुरू किया जा सकता है. इस तरह मलेरिया के टेस्ट से बुखार का सही कारण पता चलता है और समय रहते ठीक होने में मदद मिलती है।डेंगू टेस्ट - डेंगू वायरस संक्रमण की जांच होती है.रिपोर्ट में डेंगू वायरस पाए जाने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर उचित इलाज प्रारंभ करना चाहिए. विडाल टेस्ट - टाइफाइड जैसे बैक्टीरियल संक्रमण के लिए होता है. वायरल फीवर टेस्ट - वायरल संक्रमण जैसे डेंगू, चिकनगुनिया आदि के लिए किया जाता है. Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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