पीरियड्स लाइट, मीडियम, हैवी या बहुत हैवी फ़्लो के साथ हो सकता है, पर यह बिल्कुल ज़रूरी नहीं है कि वह फ्रस्टेटिंग ही हो़ हर युवती का हर महीने के पीरियड्स का अनुभव दूसरों से बिल्कुल अलग होता है़ कुछ के लिए पीरियड्स के दिन आम दिनों की तरह ही होते हैं, लेकिन कुछ के लिए बहुत ही परेशानी भरे़ इसमें उन्हें क्रैम्प्स, दर्द, ना रूकनेवाली खुजली और थकान से दो-चार होना पड़ता है, जो कि बहुत ही सामान्य परेशानियां हैं़ लेकिन अन्य को दूसरी तरह की भी परेशानियां हो सकती हैं़ पीरियड्स के समय क्रैम्प्स आना आम परेशानी है पर क्या आप जानते हैं कि स्किन इरिटेशन सामान्य नहीं है? लेमी बी के फ़ाउंडर और सीईओ देवीदत्त दास हमें पीरियड्स से सही तरीक़े से ढील करने के लिए कुछ सुझाव दे रहे हैं, ताक़ि हम बेहतर महूसस कर सकें़
अपने पीरियड्स को ट्रैक करें
यह बहुत ही ज़रूरी है़ आप एक प्लैनिंग के तहत अपने पीरियड्स सायकल को नोट करें, ना सिर्फ़ शुरू और अंत के दिन बल्कि छोटे-छोटे बदलाव को भी नोट करें, जैसे कि कौन-सा दिन लाइट और कौन-सा दिन हैवी फ़्लो वाला रहा़ हो सके तो यह भी नोट कर लें कि फ़्लो कितना था़ लेकिन यह तभी संभव है जब आप मेंस्ट्रूअल कप या मेंस्ट्रूअल डिस्क का उपयोग करती हो़ं ट्रैकिंग, सायकल को समझने में मदद करती है और इससे आप यह अनुमान लगा सकती हैं कि अगले पीरियड्स की डेट क्या हो सकती है़ इस डिटेल्ड प्लैन के जरिए आप अगले पीरियड्स के लिए पूरी तरह से तैयार को सकती हैं और उसके आपपास की डेट को लेकर सर्तक भी हो सकती हैं़
ख़ुद हाइड्रेटेड रखें और हेल्दी डायट फ़ॉलो करें
हालांकि यह बहुत ही बुनियादी बात है, लेकिन है बहुत ज़रूरी़ रोज़ाना सही मात्रा में पानी पीने से आपको डिहाइड्रेशन की वजह से होनेवाले सिरदर्द से बचने में मदद मिलती है और ब्लोटिंग भी कम होती है़ जब आप अपनी डायट में आयरन, मैग्नीशियम, प्रोटीन, ओमेगा-3 फ़ैटी एसिड, विटामिन से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करती हैं तो आपका शरीर पीरियड्स पर लक्षणों और प्रभावों से निपटने में सक्षम बनता जाता है़ इसके अतिरिक्त, चीज़ों को और मज़ेदार बनाने के लिए डार्क चॉकलेट, नट्स, और फलों में केला, सेब, पपीता और क्रैनबेरी जैसे खाद्य पदार्थ भी ले सकती हैं़ यह पीरियड्स के दौरान आपके शरीर को बेहतर बनाने में मदद करता है़
नियमित रूप से व्यायाम करें
यह दिमाग़ और शरीर को रिलैक्स रखने का एक असरदार तरीक़ा है़ यह प्राकृतिक एंडोर्फ़िन को टैप करता है, जो आपके मूड को अपलिफ़्ट करने में मददगार होते हैं, ख़ासकर पीरियड क्रैम्प के दौराऩ योग और ध्यान थकान और दर्द के स्तर को कम करते हैं, जो बदले में आपको ऊर्जावान महसूस कराने में मदद करता है़
सुरक्षित उत्पादों का उपयोग करें
यह बहुत ही ज़रूरी है! ऐसे प्रॉडक्ट्स का उपयोग करें, जो आपकी त्वचा को प्रभावित ना करें, आदर्श रूप से नैचुरल कॉटल से बने हों़ इसमें पैड, पैंटी, टैम्पोन, लाइनर, वर्क्स शामिल हैं़ मेडिकल ग्रेड सिलिकॉन आधारित उत्पाद कारगर साबित होते हैं़
पीरियड्स के बारे में खुलकर बात करें
यह महत्वपूर्ण है कि आप पीरियड्स और उनके इफ़ेक्ट्स के बारे में जिस किसी पर भरोसा करते हैं या यहां तक कि अपने दोस्तों के साथ खुलकर चर्चा करें़ पीरियड्स के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं़ इसलिए अगर आपको किसी तरह का डाउट रहे तो उसके बारे बात करके उसे ज़रूर दूर करें़ यह डाउट किसी भी तरह का सकता है-फ़्लो, दर्द, तनाव या पीरियड्ससे निपटने के तरीक़े़ दोस्तों, परिवार के सदस्यों या शिक्षकों के साथ बात करना और जानकारी साझा करना, जेंडर पर ध्यान दिए बिना सामूहिक रूप से मददगार साबित होता है़ यह न केवल संदेहों को दूर करने में मदद करता है, बल्कि स्टिग्मा और टैबू को तोड़कर आगे बढ़ने में भी मददगार होता है़
फ़िटनेस के 3 मंत्र, ज़रूर आज़माएं
फ़िटनेस को हमने बिना वजह के जटिल और महंगा बिना दिया है. फ़िटनेस एक्सपर्ट रुजुता दिवेकर का मानना है कि यह एक ऐसी चीज हैं, जहां हर कोई आसानी से पहुंच सके. इसी को ध्यान में रखकर रुजुता अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर लोगों को स्वस्थ रहने के अलग-अलग टिप्स देती रहती हैं. वह खानपान से लेकर एक्सरसाइज़ और योग तक के बारे में बेहतरीन सलाह और सुझाव देती हैं.
उनके प्रयास के कुछ भाग को हम आपके लिए लेकर आए हैं, ताकि आप भी फ़िट रह सकें.
- अपने दिन की शुरुआत केले या किसी ताज़े फल/भीगे हुए बादाम/भीगे हुए किशमिश से करें न कि चाय या कॉफ़ी से.
- बिना किसी डर के, बिना अपराधबोध के, बिना शक के घी को अपने आहार में शामिल करें. नाश्ते, दोपहर के भोजन और रात के खाने में 1 टेबलस्पून घी ज़रूर डालें. यह पीसीओडी, मधुमेह और हृदय रोग, बीपी, एसिडिटी, कमजोर जोड़ों, कब्ज़, आईबीएस के लिए विशेष रूप से लाभकारी है. यदि आप पीएमएस, थकान या लो एचबी लेवल से पीड़ित हैं तो दोपहर के भोजन या रात के खाने के बाद घी और गुड़ लें.
- अपने जीवन में गैज़ेट्स के उपयोग पर पुनर्विचार करें, उसमें सुधार लाएं और कम इस्तेमाल करें. मानव सिर भारी होता है और इसे स्थिर रखना सीखने के लिए हमने महीनों ख़र्च किए हैं. कानों के सीध में कंधों के होने पर सिर का वजन लगभग 5-6 किलोग्राम होता है. लेकिन केवल 15 डिग्री नीचे की ओर झुकाने से इसका वजह दोगूना से भी अधिक हो जाता है. आपको क्या लगता है कि इससे आपकी पीठ, कंधों और यहां तक कि मस्तिष्क पर क्या असर पड़ रहा होगा?
- इसलिए गैज़ेट्स में कम से कम इस्तेमाल करें. खाना खाते समय किसी तरह के गैज़ेट्स नहीं देखें. इसकी शुरुआत आप दिन एक मील से करके अगले 10 सप्ताह में दिन के तीनों मील के समय की आदत बना लें.
- सोने के 30 मिनट पहले ही सभी गैज़ेट्स को किनारे कर दें. सोने के समय में देर न करें, बस फ़ोन को दूर रखें, अपना टीवी बंद करें और एक लेकर किताब पढ़ें (किंडल या आईपैड पर नहीं).
- फ़ोन देखने का सही तरीक़ा यह है कि फ़ोन को आंखों के स्तर पर लेकर आएं ना कि गर्दन को नीचे की ओर न झुकाएं. इसका एक अच्छा प्रभाव यह पड़ेगा कि आप फ़ोन का कम उपयोग करेंगे और केवल ज़रूरी और महत्वपूर्ण मुद्दों तक सीमित रहेंगे.
हम में से अधिकांश लोग स्पोर्ट फ़्लैटर एब्स और पतली कमर चाहते हैं, लेकिन यह सब कुछ “टेक्नोलॉज़ी पॉश्चर” के साथ असंभव है, जैसा कि इसे कहा जाता है. मधुमेह, हृदय की स्थिति और पीसीओडी और थायराइड जैसे अन्य हार्मोनल परेशानीवाले लोगों के लिए टेक्नोलॉज़ी पॉश्चर बहुत अधिक हानिकारक है.
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