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इस छोटी सी चीज से बढ़ सकती है बहरेपन की समस्या, 16% तक युवा आए इसकी चपेट में

 


लंबी-लंबी मीटिंग अटेंड करना हो या वर्कआउट के दौरान गाना सुनना हो अधिकतर लोग हेडफोन या इयरबड्स का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन आपको बता दें कि इस छोटी सी चीज से युवाओं में बहरेपन का खतरा बढ़ गया है.

इस छोटी सी चीज से बढ़ सकती है बहरेपन की समस्या, 16% तक युवा आए इसकी चपेट में
ईयर फोन बन रहा है बहरेपन का कारण ( Image Source : Freepik )
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dir="auto" style="text-align: justify;">Health Tips: पहले के दौर में बहरेपन की समस्या बड़ी उम्र के लोगों को होती थी, लेकिन आज के दौर में युवाओं में कम सुनाई देना या बहरेपन की समस्या तेजी से बढ़ रही है और इसका एक कारण है हेडफोन. जी हां, म्यूजिक सुनने के लिए, मीटिंग अटेंड करने के लिए या फोन पर किसी से बात करने के लिए अगर आप हेडफोन का इस्तेमाल करते हैं तो एक बार इस खबर को जरूर पढ़ लीजिए, क्योंकि हेडफोन की तेज आवाज और कंपन आपके कान के पर्दों को नुकसान पहुंचा सकती हैं और इससे कान में दर्द होने के साथ ही बहरेपन की समस्या भी हो सकती है.
 
कानों को नुकसान पहुंचाती है तेज आवाज
हमारे कान का अंदरूनी हिस्सा बहुत सेंसिटिव होता है. कान के अंदर हजारों कोशिकाएं होती है और इनमें से कुछ तो बाल से भी ज्यादा पतली होती है. यह कोशिकाएं आवाज को कानों के जरिए दिमाग तक भेजती है, लेकिन जब तेज आवाज होती है तो इन कोशिकाओं पर ज्यादा दबाव पड़ता है और इनका काम बाधित होता है. खासकर ज्यादा हेडफोन या इयरबड्स का इस्तेमाल करने से कानों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचता है, क्योंकि यह तेज आवाज सीधे आपके कानों तक जाती है और इससे कानों की कोशिकाएं प्रभावित होती है.
 
हेडफोन की आवाज से फट सकते हैं कान के पर्दे 
एक रिसर्च के अनुसार 85 डेसिबल से ज्यादा आवाज 2 घंटे या इससे ज्यादा समय तक सुनने से कानों में गंभीर नुकसान पहुंच सकता है, जबकि 105 से 110 डेसिबल लेवल तक आवाज सुनने से 5 मिनट में भी कानों को नुकसान पहुंच सकता है. इतना ही नहीं लंबे समय तक अगर आप तेज आवाज में हेडफोन का इस्तेमाल करते हैं और उसमें गाने सुनते हैं या बातचीत करते हैं तो इससे कान के पर्दे फटने और कोशिकाओं की हानि होने का भी जोखिम रहता है.
 
कितनी होनी चाहिए हेडफोन की आवाज
एक्सपर्ट्स के अनुसार आपके हेडफोन या इयरबड्स की आवाज का स्तर 60 से 70 डेसिबल के बीच में ही होना चाहिए. इतना ही नहीं आपको लगातार कभी भी हेडफोन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. कान में हवा और ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए आपको बीच-बीच में हेडफोन निकालते रहने चाहिए, ताकि संक्रमण का कोई भी खतरा ना हो. ईयर फोन के अंदर जो रबड़ सेट होता है उसकी समय-समय पर सफाई करते रहें या तो इसे चेंज करते रहें.
 
इन चीजों का भी रखें ध्यान 
सिर्फ हेडफोन लगाने से ही नहीं बल्कि अगर आप किसी ऐसे कार्यक्रम में जा रहे हैं जहां पर बहुत तेज साउंड है तो कोशिश करें कि आप कान में थोड़ा सा कॉटन डाल लें. कानों की साफ सफाई करने का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए. हालांकि, कभी भी आपको ईयर बड या फिर किसी नुकीली चीज से कान की सफाई नहीं करनी चाहिए, बल्कि एक्सपर्ट से उसे क्लीन कराना चाहिए. कानों में अगर दर्द, झनझनाहट या कान बजने जैसी समस्या हो तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए.
 
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