हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को दुर्गाष्टमी आती है. इस दिन मां दुर्गा की पूजा की जाती है और उपवास भी रखा जाता है. इस बार दुर्गाष्टमी का पर्व आज यानी 5 अगस्त 2022 शुक्रवार के दिन है.
सावन मासिक दुर्गाष्टमी शुभ मुहूर्त
श्रावण, शुक्ल अष्टमी
प्रारम्भ - अगस्त 05, सुबह 05 बजकर 06 मिनट से शुरू
समाप्त - अगस्त 06, सुबह 03 बजकर 56 मिनट पर खत्म
मां दुर्गा की आरती-
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी.
तुमको निशिदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी॥
जय अम्बे गौरी
माँग सिन्दूर विराजत, टीको मृगमद को.
उज्जवल से दोउ नैना, चन्द्रवदन नीको॥
जय अम्बे गौरी
कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै.
रक्तपुष्प गल माला, कण्ठन पर साजै॥
जय अम्बे गौरी
केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी.
सुर-नर-मुनि-जन सेवत, तिनके दुखहारी॥
जय अम्बे गौरी
कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती.
कोटिक चन्द्र दिवाकर, सम राजत ज्योति॥
जय अम्बे गौरी
शुम्भ-निशुम्भ बिदारे, महिषासुर घाती.
धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती॥
जय अम्बे गौरी
चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे.
मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे॥
जय अम्बे गौरी
ब्रहमाणी रुद्राणी तुम कमला रानी.
आगम-निगम-बखानी, तुम शिव पटरानी॥
जय अम्बे गौरी
चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरूँ.
बाजत ताल मृदंगा, अरु बाजत डमरु॥
जय अम्बे गौरी
तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता.
भक्तन की दु:ख हरता, सुख सम्पत्ति करता॥
जय अम्बे गौरी
भुजा चार अति शोभित, वर-मुद्रा धारी.
मनवान्छित फल पावत, सेवत नर-नारी॥
जय अम्बे गौरी
कन्चन थाल विराजत, अगर कपूर बाती..
श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति॥
जय अम्बे गौरी
श्री अम्बेजी की आरती, जो कोई नर गावै.
कहत शिवानन्द स्वामी, सुख सम्पत्ति पावै॥
जय अम्बे गौरी
मासिक दुर्गाष्टमी के दिन इन नियमों का करें पालन
इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए
इस दिन मांस, मदिरा या प्याज-लहसुन वाला भोजन नहीं करना चाहिए.
व्रत के दिन व्यक्ति को झूठ नहीं बोलना चाहिए और ना ही किसी को अपशब्द बोलने चाहिए.
व्रत के दिन बार-बार पानी पीने और गुटका, सिगरेट आदि का सेवन करने बचना चाहिए.
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