‘मोदी जी.. हम आपके ध्यान में लाना चाहते हैं कि सरकार से फंडिंग पाने वाली इस्लामिक यूनिवर्सिटीज, जैसे- AMU, Jamia Millia Islamia और Jamia Hamdard University के कुछ विभागों में जिहादी इस्लामिक कोर्स चलाया जा रहा है.
‘ये विश्वविद्यालय सरकारी खर्चे पर चल रहे हैं और हम टैक्सपेयर हैं. इसलिए एक चिंतित नागरिक के तौर पर हमारा हक है कि हम ऐसी पढ़ाई बंद कराने की मांग रखें. यह देश की सुरक्षा का मामला है.’ ये सारी बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखी गई चिट्ठी में कही गई हैं. ये चिट्ठी देशभर की अलग-अलग यूनिवर्सिटी के 25 स्कॉलर्स ने लिखी है. यह Narendra Modi को लिखा गया ओपन लेटर है.
AMU ने तत्काल लिया एक्शन
पीएम को ओपन लेटर के बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ने तत्काल एक्शन लिया है. सैय्यद कुत्ब और अबुल अला अल-मौदूदी.. ये दो नाम अब Aligarh Muslim University में नहीं दिखेंगे. न इनकी किताबें चलेंगी, न ही छात्रों को इन्हें पढ़ाया जाएगा. कारण- लेटर में इन्हीं दो इस्लामिक लेखकों की विचारधारा पढ़ाए जाने पर आपत्ति जताई गई. अधिकारियों ने बताया कि सैय्यद कुत्ब तुर्की के इस्लामिक लेखक हैं जबकि अबुल अला अल-मौदूदी पाकिस्तानी लेखक.
एएमयू के पीआरओ शाफे किदवई ने बताया कि ‘Sayyid Qutb और Abul Ala Al-Maududi.. इन दोनों का कंटेंट सिलेबस से हटाया जा रहा है. इसके लिए जरूरी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा. यूनिवर्सिटी में किसी भी तरह का विवाद न हो, इसलिए इन हिस्सों को पाठ्यक्रम से हटाए जाने का फैसला लिया गया है. हालात बदल गए हैं. जो सालों पहले पढ़ाने लायक होता था, हो सकता है आज वो पढ़ाने लायक न हो.’
पीएम मोदी को लिखे गए Open Letter में सभी 25 स्कॉलर्स के नाम भी दिए गए हैं, जिन्होंने Jihadi पढ़ाई का मुद्दा उठाया. इसमें IISc Bangalore से लेकर लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स तक के प्रोफेसर शामिल हैं. नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (NMML) की सीनियर फेलो प्रोफेसर मधु किश्वर ने ये लेटर ट्वीट भी किया है.
नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (NMML) की सीनियर फेलो प्रोफेसर मधु किश्वर ने ये लेटर ट्वीट भी किया है.
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