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लाइव रिपोर्टिंग
कीएव के मेट्रो स्टेशनों में अब लगभग 15 हज़ार लोगों ने शरण ले रखी है. शहर के सब-वे के प्रभारी ने ये जानकारी दी है. विक्टर ब्राहिस्की ने यूक्रेन की स्थानीय मीडिया को बताया है शहर के भूमिगत मेट्रो स्टेशनों में एक लाख तक लोग रह सकते हैं.
उन्होंने बताया कि इस समय सब-वे सिस्टम में पानी और शौचालय के अलावा खाने और दवाइयों की व्यवस्था है.
बीबीसी यूक्रेनी सेवा के मुताबिक ब्राहिस्की ने कहा, "बहुत से लोगों के पास सिर छुपाने की जगह नहीं है. फर्श पर चंद मीटर जगह ही अब उनका घर बन गई है."
उन्होंने कहा, "हम लोगों से अपील करते हैं कि वो गरम कपड़े और खाने का सामान लेकर आएं और अपने आसपास महिलाओं और बच्चों का ध्यान रखें."
अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने इस हफ़्ते के लिए निर्धारित मिनटमैन 3 इंटर कांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल लांच को टाल दिया है.
प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा, "ये क़दम बताता है कि इस बेहद तनावपूर्ण समय में हम अपनी परमाणु ज़िम्मेदारियों को कितनी गंभीरता से ले रहे हैं."
बीते सप्ताह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपनी सेनाओं से कहा था कि वो परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के लिए बिलकुल तैयार रहें.
किर्बी ने कहा कि अमेरिका ने इस तरह का कोई भी क़दम नहीं उठाया है. उन्होंने पुतिन की 'ग़ैर-ज़रूरी और बेमतलब की बयानबाज़ी' करने के लिए आलोचना भी की.
किर्बी ने कहा कि मिसाइल लांच को टालने से अमेरिका की परमाणु क्षमताएं और तैयारी किसी भी तरह से प्रभावित नहीं होगी.
अमेरिका में हर साल अंतर-महादेशीय बैलिस्टिक मिसाइलों के टेस्ट किए जाते हैं. इन टेस्ट की योजना कई साल पहले ही बना ली जाती है.
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन अगले छह दिनों के दौरान यूरोप के छह देशों का दौरा करेंगे.
ब्लिंकन का ये दौरा ऐसे समय हो रहा है जब यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष चरम पर पहुंच गया है. इस यात्रा के दौरान ब्लिंकन ब्रसेल्स में नेटो और यूरोपीय संघ नेताओं से मिलेंगे. इसके अलावा वो पोलैंड, मोल्दोवा, लातविया, लिथुआनिया और इस्टोनिया के नेताओं से मुलाक़ात करेंगे.
बुधवार को कई गई टिप्पणी में ब्लिंकन ने कहा है कि ये संकट 'यूरोप की स्थिरता और दुनिया में नियम-आधारित शासन' के लिए ख़तरा बन गया है.
उन्होंने रूस की सेना की तरफ़ से की जा रही अंधाधुंध बमबारी और परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को लेकर की जा रही बयानबाज़ी पर चिंता भी ज़ाहिर की.
उन्होंने कहा, "ये राष्ट्रपति पुतिन का युद्ध है, ये रूस के लोगों का युद्ध नहीं है."
"रूस के लोगों के लिए मेरा संदेश ये है कि, अगर वो इसे सुन पा रहे हैं तो... हम जानते हैं कि आपने में से कितने लोग हैं जो इस युद्ध में हिस्सा नहीं चाहते हैं."
फ़्रांस के राष्ट्रपति इमेनुअल मैक्रों टीवी पर राष्ट्र के नाम संबोधन दे रहे हैं.
अपने भाषण में उन्होंने रूस के इस 'झूठ' की आलोचना की है कि वह यूक्रेन में नाज़ीवाद के ख़िलाफ़ लड़ रहा है.
मैक्रों ने रूस को 'आक्रमणकारी' कहा है. उन्होंने कहा है कि नेटो रूस के साथ टकराव में नहीं है लेकिन लेकिन यूरोप बदलाव के एक नए दौर में दाख़िल हो गया है.
मैक्रों ने कहा कि फ़्रांस अपनी सुरक्षा पर अधिक ख़र्च करेगा. उन्होंने ये भी कहा कि यूरोप को ऊर्जा के मामले में अधिक स्वतंत्र होने की ज़रूरत है.
मैक्रों ने कहा, "यूरोप में युद्ध अब इतिहास की किताबों का हिस्सा नहीं है, ये हमारी आंखों के सामने घटित हो रहा है."
रूस की आक्रामता के जवाब में यूरोपी संघ की प्रतिक्रिया की तारीफ़ करते हुए मैक्रों ने कहा कि 'अब उसे शांति, स्वतंत्रता और लोकतंत्र की क़ीमत चुकाने के लिए तैयार रहना चाहिए.'
यूक्रेन पर रूस के हमले की स्वतंत्र कवरेज करने वाले मीडिया संस्थानों के खिलाफ पुतिन सरकार की कार्रवाई जारी है.
बीबीसी के संवाददाता विल वर्नोन के मुताबिक मंगलवार की रात अधिकारियों ने स्वतंत्र रेडियो स्टेशन इखो मोस्कवी को ऑफ एयर कर दिया.
इसके साथ ही एक प्रमुख स्वतंत्र इंटरनेट टीवी चैनल Dozhd की वेबसाइट का एक्सेस ब्लॉक कर दिया.
हाल के दिनों में रूसी अधिकारियों ने कई स्वतंत्र मीडिया संस्थानों को धमकी भरी चिट्ठियां लिखी हैं. उनसे कहा गया है कि यूक्रेन में चल रही लड़ाई से जुड़े अपने कंटेंट को हटा लें या उसे ब्लॉक कर दें .
मीडिया संस्थानों से 'युद्ध' और 'हमला' जैसे शब्द का इस्तेमाल नहीं करने को कहा गया है.
उनसे नागरिकों की मौत और घायल सैनिकों के बारे में खबर देते समय अपुष्ट शब्द (यानी आधिकारिक स्रोतों के इतर) का इस्तेमाल भी नहीं करने को कहा गया है.
इखो मोस्कवी ने कहा है कि सरकार, रेडियो स्टेशन के सोशल मीडिया अकाउंट को भी ब्लॉक करने की कोशिश कर रही है. इखो और Dozhd फिलहाल यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्मों पर अपना कंटेंट शेयर कर रहे हैं.
अमेरिका के रक्षा विभाग का कहना है कि यूक्रेन की राजधानी कीएव की तरफ़ आगे बढ़ रही रूसी सेना ने बीते 24 से 36 घंटों में कोई ख़ास प्रगति हासिल नहीं की है.
रक्षा विभाग के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "ख़ासतौर पर कीएव के दक्षिण की तरफ़ बढ़ने की कोशिश कर रहे 60 किलोमीटर लंबे रूसी सेना के काफ़िले की रफ़्तार को यूक्रेन के लड़ाकों ने थाम दिया है. ये काफ़िला अब ठहर गया है."
किर्बी ने कहा, "हम ये मानते हैं कि रूस अपने सैन्य काफ़िले को फिर से एकजुट करने की कोशिश कर रहा है और जो प्रगति वो नहीं कर पाए हैं उसकी समीक्षा की जा रही है."
किर्बी ने ये स्वीकार किया कि रूस के आक्रमणकारी सैन्यबलों को देश के दक्षिणी हिस्से में उत्तर के मुक़ाबले कम चुनौती का सामना करना पड़ रहा है.
रूस ने दक्षिणी शहर ख़ेरसोन के अपने नियंत्रण में आने का दावा किया है. हालांकि इस संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में किर्बी ने कहा कि अभी पेंटागन इसकी पुष्टि नहीं कर सका है.
उन्होंने चेताते हुए कहा कि भले ही रूस की रफ़्तार धीमी हुई है लेकिन उसके पास अतिरिक्त मारक क्षमता है जिसका अभी इस्तेमाल नहीं किया गया है.
ख़ेरसोन के मेयर ने संकेत दिए हैं कि दक्षिणी यूक्रेन का ये शहर रूसी सैन्यबलों के नियंत्रण में आ गया है. बुधवार को फ़ेसबुक पर पोस्ट किए गए एक संकेत में मेयर इगोर कोलीख़ाएव ने कहा कि 'आज नगर परिषद में हथियारबंद मेहमान आए थे.'
उन्होंने लिखा, "हमने सैनिकों को बता दिया कि इस शहर में यूक्रेन के सैन्यबल मौजूद नहीं हैं, सिर्फ़ आम नागरिक हैं जो यहीं रहना चाहते हैं."
कोलीख़ाएव ने लिखा कि रूस के सैन्यबलों ने शहर में रात आठ बजे से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू लगा दिया है. उन्होंने बताया कि खाद्य सामग्री, मेडिकल सामान और अन्य ज़रूरी सामान लेकर आ रही गाड़ियों को शहर में दाख़िल होने दिया जाएगा.
उन्होंने बताया कि शहर के भीतर कारों को धीमी गति से चलने दिया जाएगा और पदयात्री दो से अधिक के समूह में नहीं चल सकते हैं.
कोलीख़ाएव ने कहा, "अभी हालात ऐसे ही हैं, यूक्रेन का झंडा हमारे ऊपर फ़हरा रहा है. और ऐसी ही स्थिति बनाए रखने के लिए इन ज़रूरतों को पूरा करना होगा. मेरे पास अभी कहने के लिए कुछ और नहीं है."
बीबीसी इस बयान की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं कर सका है. बुधवार को अमेरिकी रक्षा अधिकारियों ने कहा था कि ख़ेरसोन पर अभी किसी एक पक्ष का पूर्ण नियंत्रण नहीं है और संघर्ष जारी है.
यूक्रेन का कहना है कि रूस के प्रतिनिधिमंडल के साथ वार्ता के लिए यूक्रेन का एक दल कीव से बेलारूस के लिए रवाना हुआ है.
रूस के प्रमुख वार्ताकार व्लादिमीर मेदिंस्की का कहना है कि रूस के सुरक्षाबल यूक्रेन के वार्ता दल को सुरक्षित गलियारा मुहैया कराएंगे.
यूक्रेन के राष्ट्रपति के सलाहकार एलेक्सी अरेस्टोविच का कहना है कि वार्ता के दौरान यूक्रेन अपने पक्ष पर अडिग रहेगा. वहीं रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोफ़ ने कहा है कि रूस यूक्रेन के असैन्यकरण के अपने इरादे के लिए प्रतिबद्ध रहेगा और ऐसे हथियारों की सूची पर सहमति बनाई जाएगी जिन्हें कभी भी यूक्रेन में तैनात नहीं किया जा सकेगा.
सर्गेई लावरोफ़ ने कहा कि रूस यूक्रेन के लोगों के अपना नेता चुनने के अधिकार का सम्मान करता है.
24 फ़रवरी को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आदेश पर रूस की सेनाएं यूक्रेन में दाख़िल हुईं थीं. बीते एक सप्ताह से रूस और यूक्रेनी सैन्यबलों के बीच भीषण लड़ाई चल रही है.
यूक्रेन का दावा है कि रूस के हमलों में अब तक दो हज़ार से अधिक आम लोग मारे जा चुके हैं. वहीं बुधवार को रूस ने बताया है कि इस सैन्य अभियान में अब तक उसके 498 सैनिक मारे जा चुके हैं.
रूस यूक्रेन पर आक्रामण को एक सैन्य अभियान बता रहा है जिसका मक़सद यूक्रेन का असैन्यकरण करना है.
अगर आप अभी-अभी हमारे साथ जुड़ रहे हैं तो यूक्रेन युद्ध के छठे दिन के ये सभी अपडेट आपके लिए हैं-
- संयुक्त राष्ट्र आम सभा की एक विशेष आपात बैठक में यूक्रेन पर आक्रामण को लेकर रूस के ख़िलाफ़ निंदा प्रस्ताव के समर्थन में 141 और विरोध में 5 देशों ने मतदान किया है. भारत और चीन समेत 35 देश अनुपस्थित रहे.
- यूएस एड की प्रशासक समांथा पॉवर का कहना है कि ये मतदान' ऐतिहासिक तौर पर वैश्विक फटकार' को प्रदर्शित करता है.
- रूस के रक्षामंत्री का कहना है कि यूक्रेन में रूस के सैन्य अभियान में अब तक 498 रूसी सैनिक मारे जा चुके हैं और एक हज़ार से अधिक घायल हुए हैं. बीबीसी स्वतंत्र रूप से इस दावे की पुष्टि नहीं कर सका है. यूक्रेन के दावे के मुताबिक मरने वाले रूसी सैनिकों की संख्या वास्तव में इससे दस गुणा ज़्यादा है.
- मारियुपोल के मेयर का कहना है कि नागरिक इलाक़ों पर रूस के रॉकेट हमलों और बमबारी में सैकड़ों आम नागरिक मारे जा चुक हैं.
- रूस की सेनाएं यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर और रुस की पूर्वी सीमा के पास स्थित ख़ार्कीएव पर भारी बमबारी कर रही हैं. वहीं राजधानी कीएव के पास खड़ा विशाल रूसी सैन्य काफिला अपनी जगह पर स्थिर है.
- संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि यूक्रेन में चल रही लड़ाई से प्रभावित 9 लाख लोग अब तक देश छोड़कर जा चुके हैं.
चेल्सी फुटबॉल क्लब (चेल्सी एफ़सी) की प्रस्ताविक बिक्री लंदन में रूसी दौलत के सबसे चर्चित और हाई-प्रोफाइल प्रतीक का ख़ात्मा होगी.
रोमन अब्रामोविच ने 14 साल पहले 14 करोड़ पाउंड में वेस्ट लंदन के इस क्लब को ख़रीदा था. उन्होंने भारी निवेश करके इस क्लब का भाग्य ही बदल दिया. क्लब ने दो चैंपियनशिप लीग ट्रॉफ़ी और 5 प्रीमियर लीग ट्रॉफ़ी अपने नाम की.
लेकिन बुधवार को अरबपति कारोबारी हेंसयोर्ग विस ने सबसे पहला मज़बूत संकेत दिया कि अब्रामोविच ब्रिटेन से अपने संबंध ख़त्म करना चाहते हैं.
विस ने स्विस अख़बार ब्लिक को बताया कि उन्हें और तीन अन्य लोगों को क्लब को ख़रीदने का प्रस्ताव आया है. उन्होंने ये भी कहा कि अब्रामोविच इस समय लंदन स्थित अपने सभी बंगलों को बेचने की कोशिश भी कर रहे हैं.
इसराइल और पुर्तगाल की नागरिकता रखने वाले 55 वर्षीय अब्रमोविच ने तेल और गैस के क्षेत्र में अकूत दौलत कमाई है. फ़ोर्ब्स के मुताबिक उनके पास 13.3 अरब डॉलर की संपत्ति है. अब्रामोविच ने सोविय संघ के विघटन के बाद अपना कारोबारी साम्राज्य खड़ा किया है.
ब्रिटेन में रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों में अब्रामोविच को भी शामिल करने की मांग उठ रही है. आरोप हैं कि अब्रामोविच के राषट्रपति पुतिन से क़रीबी संबंध हैं लेकिन वो इनकार करते रहे हैं.
एक बयान में उन्होंने कहा है कि वो नहीं जानते कि वो चेल्सी के डॉयरेक्टर बॉक्स में कभी लौटेंगे यानहीं. उन्होंने कहा, "मैं उम्मीद करता हूं कि एक आख़िरी बार मैं स्टैमफ़र्ड ब्रिज जा सकूं ताकि आप सभी को व्यक्तिगत रूप से अलविदा कह सकूं."
संयुक्त राष्ट्र की आपात आम सभा में यूक्रेन पर रूस के आक्रामण के ख़िलाफ़ लाए गए निंदा प्रस्ताव में पांच देशों ने रूस के समर्थन में मतदान किया है.
इनमें से एक रूस स्वयं हैं. वहीं बेलारूस ने भी इस प्रस्ताव का विरोध किया. बेलारूस रूस का पुराना दोस्त है और यूक्रेन पर हमले में कुछ रूसी सेनाएं बेलारूस के रास्ते ही शामिल हुई हैं. विश्लेषक मानते हैं कि बेलारूस रूस का ही एक 'आश्रित राज्य' है.
इसके अलावा सीरिया भी संयुक्त राष्ट्र आम सभा में रूस के साथ नज़र आया और प्रस्ताव के विरोध में मतदान किया. सीरिया के नेता बशर अल असद भी सत्ता में बने रहने के लिए रूस के सैन्य सहयोग पर निर्भर है.
वहीं अफ़्रीकी देश इरीट्रिया और एशियाई देश उत्तर कोरिया ने भी रूस के समर्थन में मतदान किया.
हालांकी रूस का सहयोगी नज़र आ रहा चीन इस मतदान से अनुपस्थित रहा. इसके अलावा भारत भी मतदान से दूर रहा.
पिछले सप्ताह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इसी तरह के मतदान में भी भारत और चीन अनुपस्थित रहे थे.
आम सभा के निंदा प्रस्ताव के समर्थन में संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों में से 141 ने प्रस्ताव के समर्थन में और 5 ने विरोध में वोट किया. 35 सदस्य अनुपस्थित रहे.
रूस की घेराबंदी में फंसे पूर्वी यूक्रेन के शहर ख़ार्कीएव के मेयर ने कहा है कि उनका शहर रूस की सेना के सामने धराशाई नहीं होगा.
उन्होंने स्वीकार किया कि रूस की भारी बमबारी में बड़ी तादाद में शहर के नागरिक मारे जा रहे हैं. इगोर तेरेख़ोव ने बीबीसी से कहा कि शहर के चारों तरफ़ भीषण लड़ाई चल रही है और हालात बहुत ख़तरनाक़ बने हुए हैं.
उन्होंने कहा कि रूस की सेनाएं शहर के नागरिक इलाक़ों पर मिसाइलें दाग रही हैं और भारी बमबारी कर रही हैं. उन्होंने दावा किया कि रूस की सेना ने शहर पर 'वैक्यूम बम' का भी इस्तेमाल किया है.
उन्होंने कहा, "जितनी भी सेनाएं उनके पास हैं सभी को ख़ार्कीएव के ख़िलाफ़ लगा दिया गया है. बड़ी तादाद में टैंक ख़ार्कीएव की तरफ़ बढ़ रहे हैं."
इगोर के मुताबिक रूस के हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं और यूक्रेन के सैनिकों को शहर में घुसे हिंसक समूहों से भी लड़ना पड़ रहा है.
उन्होंने कहा कि बाहरी दुनिया को रूस के आक्रामण को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करने चाहिए. तेरेख़ोव का कहना है कि तमाम मुश्किलों के बावजूद शहर के लोगों का हौसला बरक़रार है. शहर की अधिकतर आबादी बम बंकरों में छुपी है जहां से अभी किसी के मारे जाने की कोई सूचना नहीं है.
उन्होंने कहा कि ख़ार्कीएव शहर खड़ा रहेगा और ये शहर पहले से कहीं ज़्यादा एकजुट है. इगोर कहते हैं, "शहर का मूड गंभीर है और सभी लोग ध्यान केंद्रित किए हुए हैं, लेकिन शहर एकजुट है और ये शहर खड़ा रहेगा."
संयुक्त राष्ट्र की आपात आम सभा ने यूक्रेन पर आक्रमण को लेकर रूस के ख़िलाफ़ लाए गए निंदा प्रस्ताव के समर्थन में मतदान किया है.
संयुक्त राष्ट्र ने रूस से तुरंत अपने सैन्य बलों को यूक्रेन से वापस बुलाने के लिए कहा है. संयुक्त राष्ट्र आम सभा में हुए मतदान में भारत अनुपस्थित रहा है. इससे पहले भी भारत रूस के ख़िलाफ़ प्रस्ताव के दौरान मतदान से अनुपस्थित रहा था.
संयुक्त राष्ट्र की आपात आम में 193 सदस्यों में से 141 ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया.
मतदान से पहले संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन के राजदूत सर्जेई काइस्लित्सिया ने कहा कि रूस यूक्रेन के अस्तित्व के अधिकार का ही हनन करना चाहता है.
वहीं रूस के राजदूत वासिली नेबेंज़िया ने कहा कि रूस यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में अलगाववादी संघर्ष को समाप्त करना चाहता है. उन्होंने पश्चिमी देशों पर प्रस्ताव का समर्थन हासिल करने के लिए खुली धमकियां देने के आरोप लगाए.
1997 के बाद से संयुक्त राष्ट्र आम सभा का ये पहला आपात सत्र था.
रूस के रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी है कि यूक्रेन में चल रहे सैन्य अभियान में उसके अब तक 498 सैनिक मारे जा चुके हैं.
रूस की सरकारी समाचार एजेंसी स्पुतनिक ने रक्षा मंत्रालय के हवाले से बताया है कि इस अभियान में अब तक 1597 रूसी सैनिक घायल हुए हैं.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 24 फ़रवरी को यूक्रेन में सैन्य अभियान को मंज़ूरी दी थी. रूस की सेनाएं इस समय तीन तरफ़ से यूक्रेन पर भीषण हमले कर रही हैं. रूस अपने इन हमलों को एक सैन्य अभियान बता रहा है.
रूस ने कहा है कि उसके इस सैन्य अभियान का मक़सद, 'यूक्रेन का असैन्यकरण और ग़ैर-नाज़ीकरण करना है और डेनबास गणतंत्रों की रक्षा करना है.'
रूस ने यूक्रेन के पूर्वी इलाकों में अलगाववाद की लड़ाई लड़ रहे दोनेत्स्क और लुहांस्क क्षेत्रों को स्वतंत्र घोषित कर दिया है. इन्हें ही डोनबास गणतंत्र भी कहा जाता है. यूक्रेन की सेनाएं साल 2014 से देश के पूर्वी हिस्सों में अलगाववादियों से लड़ रहीं थीं.
वहीं यूक्रेन का दावा है कि अब तक रूस के 6 हज़ार के क़रीब सैनिक मारे जा चुके हैं. हालांकि यूक्रेन के दावों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकती है.
नमस्कार,
मैं दिलनवाज़ पाशा सुबह 6 बजे तक रूस-यूक्रेन संघर्ष से जुड़ी हर ख़बर आप तक पहुंचाने के लिए आपके साथ मौजूद रहूंगा. यूक्रेन और यूरोप के बाक़ी हिस्सों में मौजूद हमारे संवाददाता हर ज़रूरी अपडेट आपके लिए भेजते रहेंगे.
धन्यवाद
01 मार्च 2022 यानी मंगलवार की रात (भारतीय समयानुसार) साढ़े दस बजे रूस के टेलीविज़न पर सरकारी मीडिया जो पेश कर रहा था वो वास्तविकता से परे कवरेज़ का एक बेहतरीन उदाहरण था.
जब बीबीसी वर्ल्ड टीवी ने अपने बुलेटिन की शुरुआत कीएव में एक टीवी टावर पर हुए हमले से की तो रूसी टीवी इस बात की घोषणा कर रहा था कि अपने शहरों पर हमलों के लिए यूक्रेन ही ज़िम्मेदार है.
ऐसे में सवाल ये उठता है कि रूस में टेलीविज़न देखने वाले लोग इस युद्ध के बारे में क्या देख रहे हैं? समाचारों के माध्यम से वो क्या सुन रहे हैं?
रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग में कई भारतीय अभी भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं.
रूस की सीमा के नजदीक यूक्रेन के दक्षिण-पूर्वी शहर मारियुपोल में सैकड़ों यूक्रेनियों के मारे जाने की आशंका जताई गई है. रूसी सैनिक ने यहां लगातार बमबारी की है.
यूक्रेनी अधिकारियों ने कहा है कि इस हमले में बड़ी तादाद में लोगों के मारे जाने की आशंका है. शहर के डिप्टी मेयर सर्गेई ओरलोव ने बताया कि यहां एक लाख तीस हज़ार लोग रहते हैं. बमबारी में यह पूरी तरह बर्बाद हो गया है.
उन्होंने बीबीसी को फ़ोन पर बताया, ''हमारे लिए बमबारी के शिकार लोगों की गिनती संभव नहीं है. यहां तक कि उनके शव भी उठाने नहीं जा सकते.''
उन्होंने बताया, ''रूसी सैनिक हर तरह के हथियार का इस्तेमाल कर रहे हैं. वे तोप, मल्टीपल रॉकेट लॉन्चिंग सिस्टम, विमानों और रॉकेटों से हमले कर रहे हैं. वह पूरे शहर को बरबाद करने पर तुले हैं.''
ओरलोव ने कहा कि रूसी सेना हर तरफ़ से शहर को घेर रही है. वह शहर से चंद किलोमीटर पर ही है.
डिप्टी मेयर ने कहा, ''यूक्रेनी सेना काफ़ी बहादुर है और वह शहर की रक्षा करती रहेगी. लेकिन रूसी सेना के लड़ने का तरीक़ा समुद्री डाकुओं जैसा है. वह अपनी सेना के जरिए नहीं लड़ रही है. वे पूरे ज़ेले को बरबाद करने में लगी है.''
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अपने सांसदों से कहा है कि अगर पुतिन समूचे विरोध और जोखिम के बावजूद अपने इरादों को लेकर प्रतिबद्ध हैं तो हमें भी अपने इरादे मज़बूत करने चाहिए.
उन्होंने ये भी कहा कि सरकार यूक्रेन के लिए आपदा आपातकालीन समिति की मांग के अनुरूप ब्रिटिश लोगों की ओर से शुरू में 20 मिलियन पाउंड की सहायता भी प्रदान करेगी.
विपक्ष के नेता केर स्टार्मर ने प्रधानमंत्री से उन रूसियों पर कार्रवाई करने का अनुरोध किया जो पुतिन से जुड़े हैं.
उन्होंने कहा कि उनमें से एक चेल्सी फ़ुटबॉल क्लब के मालिक रोमन अब्रामोविच हैं जो रूस की सरकार और उसकी भ्रष्ट गतिविधियों से सार्वजनिक रूप से जुड़े हैं.
उन्होंने पुतिन के पूर्व उप प्रधानमंत्री इगोर शुवालोक का मामला भी उठाया जिनके बारे में उन्होंने बताया कि उनके दो फ़्लैट इस सदन से दो -पांच मिनट की पैदल दूरी पर हैं और जिनकी कीमत 11 मिलियन पाउंड से अधिक है.
प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने जवाब दिया "अभी और भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है" लेकिन साथ ही उन्होंने ये भी कहा "ब्रिटेन ने रूस के ख़िलाफ़ प्रतिबंधों को लगाने में अग्रणी भूमिका निभाई है."
बीसीसी ने रोमन अब्रामोविच से संपर्क कर उनसे इस बारे में पूछा. उन्होंने व्लादिमीर पुतिन के साथ किसी भी तरह के अहम आर्थिक संबंध होने से इनकार किया है.
भारत सरकार ने कहा है कि वह पूर्वी यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए वहां पहुंच बनाने के रास्ते तलाश रही है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बुधवार को एक ब्रीफिंग के दौरान कहा कि कहा, '' भारतीय टीम यह देख रही है कि वहां तक कैसे पहुंचा जा सकता है. इस वक्त यह आसान काम नहीं है क्योंकि रास्ते हर वक्त खुले नहीं रहते हैं. ''
सरकार के अनुमान के मुताबिक जनवरी के आखिरी हफ्ते में जारी की गई एडवाइजरी के बाद अब तक 17 हजार भारतीय नागरिक यूक्रेन की सीमा छोड़ चुके हैं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, '' कीएव में भारतीय दूतावास से कहा गया है कि भारतीयों को सीमा पार कराने के लिए लवीव में एक अस्थायी दफ्तर खोलने के लिए कहा गया है. भारतीय दूतावास की एक टीम इसी मकसद से वहां है.''
बागची ने कहा, '' जिन लोगों का भारतीय पासपोर्ट खो गया है कि उन्हें इमरजेंसी सर्टिफिकेट जारी करने के लिए एक सिस्टम बनाया गया है. इससे कई भारतीय स्टूडेंट्स की मदद होगी.''
बागची से पूछा गया कि क्या प्रधानमंत्री मोदी बुधवार की रात रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात करेंगे. इस पर उन्होंने कहा कि मोदी कई देशों के नेताओं से बात करते रहे हैं. जब भी किसी नेता से बात करेंगे हम बताएंगे. पहले से नहीं बता सकते.
इस बीच, यूक्रेन में फंसे स्टूडेंट्स को लेकर बुधवार को एक और विमान दिल्ली पहुंच गया. एयरपोर्ट पर केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने देश पहुंचे स्टूडेंट्स का स्वागत किया.
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