Ticker

6/recent/ticker-posts

Propose Day Shayari: कीजे इज़हार-ए-मोहब्बत चाहे जो अंजाम हो


 इश्क़ के इज़हार में हर-चंद रुस्वाई तो है 

पर करूँ क्या अब तबीअत आप पर आई तो है 
- अकबर इलाहाबादी

तुझ से किस तरह मैं इज़हार-ए-तमन्ना करता 
लफ़्ज़ सूझा तो मआ'नी ने बग़ावत कर दी 
- अहमद नदीम क़ासमी

कीजे इज़हार-ए-मोहब्बत चाहे जो अंजाम हो 
ज़िंदगी में ज़िंदगी जैसा कोई तो काम हो 
- प्रियंवदा सिंह

हाल-ए-दिल क्यूँ कर करें अपना बयाँ अच्छी तरह 
रू-ब-रू उन के नहीं चलती ज़बाँ अच्छी तरह 
- बहादुर शाह ज़फ़र

एक दिन कह लीजिए जो कुछ है दिल में आप के 
एक दिन सुन लीजिए जो कुछ हमारे दिल में है 
- जोश मलीहाबादी

और इस से पहले कि साबित हो जुर्म-ए-ख़ामोशी 
हम अपनी राय का इज़हार करना चाहते हैं 
- सलीम कौसर

दिल पे कुछ और गुज़रती है मगर क्या कीजे 
लफ़्ज़ कुछ और ही इज़हार किए जाते हैं 
- जलील ’आली’

ज़बान दिल की हक़ीक़त को क्या बयाँ करती 
किसी का हाल किसी से कहा नहीं जाता 
- अज़ीज़ लखनवी

इज़हार-ए-हाल का भी ज़रीया नहीं रहा 
दिल इतना जल गया है कि आँखों में नम नहीं 
- इस्माइल मेरठी

करूँगा क्या जो मोहब्बत में हो गया नाकाम 
मुझे तो और कोई काम भी नहीं आता 
- ग़ुलाम मोहम्मद क़ासिर

Post a Comment

0 Comments